पू. आचार्य श्री गुणरत्नसूरीश्वर जी महाराज की प्रेरणा से अनेक वर्षों पूर्व जैनिज़्म कोर्स की शुरुआत हुई। श्री जैन श्वेताम्बर नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ ट्रस्ट द्वारा पिछले अनेक वर्षों से इस कोर्स का संचालन किया जा रहा है। बदलते समय के अनुसार इसके रंग-रूप और प्रस्तुतिकरण में बदलाव करने की आवश्यकता थी। एतदर्थ यह नवीन कोर्स अत्यन्त रोचक तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।
पूज्य श्री की प्रेरणा से इस बार यह कोर्स अत्यन्त रोचक तरीके से रंगीन चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए, इस हेतु अनेक महात्मा अनेक वर्षों तक इस कोर्स के पुनर्लेखन से जुड़े।
हिन्दी पुस्तक का प्रकाशन श्री जैन श्वेताम्बर नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ ट्रस्ट द्वारा किया गया है।
चैतन्य गुण जैन अकेडमी की स्थापना पू. आचार्य श्री गुणरत्नसूरीश्वर जी महाराज की निश्रा एवं पू. आचार्य श्री रश्मिरत्नसूरीश्वर जी महाराज के निर्देशन में की गई। संस्था द्वारा अध्ययन एवं अध्यापन के कार्य किए जाते हैं।
इस कोर्स का हिन्दी के साथ गुजराती और अंग्रेजी में भी करने का उद्देश्य रखते हुए पूरा पाठ्यक्रम सचित्र तरीके से और Online तरीके से प्रस्तुत करने का विचार किया गया।
गुजराती एवं अंग्रेजी पुस्तकों का प्रकाशन एवं Online सम्पूर्ण कोर्स का प्रकाशन चैतन्य गुण जैन अकेडमी द्वारा किया गया है।
नये पाठ्यक्रम की हिन्दी एवं गुजराती की पुस्तकों का वर्ष २०१९ में विमोचन किया गया। साथ ही www.jainismcourse.org के द्वारा Online पढ़ने की सुविधा भी दी गई। देश-विदेश में पुस्तकों के हजारों सेट गए, और अनेक जिज्ञासुओं ने पढ़ना और परीक्षा देना शुरू किया।
वर्ष २०२० में यह Website नए रंगरूप और अन्य अनेक सुविधाओं के साथ फिर से प्रस्तुत की गई। अब इस Website पर न केवल पढ़ने और परीक्षा देने की सुविधा है, बल्कि Video Lecture, Library, Dictionary, Daily Quiz, Games, Ask the Pandit, Forum, E-Commerce, सुकृत कार्यों का डेटा, भव आलोचना, आत्म-निरीक्षण, पंचांग, संघ-Aggregator इत्यादि अनेक सुविधाएँ शामिल की जा रही है।
यह कोर्स जैन धर्म के साथ नैतिकता एवं जीवन मूल्यों की सम्पूर्ण समझ विकसित करता है। इसलिए धार्मिक भेदभाव के बिना, यह कोर्स जनमानस के लिए लाभदायक सिद्ध होगा। प्रबुद्ध वर्ग, जिसे अधिक शोध या गहराई से पढ़ना हो, उनके लिए भी हम विशेष सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं।
अनेक आचार्य, प्रबुद्ध साधु-साध्वी एवं अन्य प्रबुद्ध श्रावक-श्राविकाओं ने इस कोर्स को श्रेष्ठ बनाने में अथक परिश्रम किया है। साथ ही सुधार और नवीनता के प्रयास सतत जारी हैं।