Responses from Educators, Politicians & Dharma gurus
Jainism course website was launched on 24th June, 2020 with blessings of our Acharyas. We received responses from following sectors:
जैन धर्म की अमूल्य शिक्षाओं को औपचारिक अध्ययन का अंग बनाना प्रशंसनीय है। मुझे उम्मीद है कि जैन धर्म के शिष्ट-स्वस्थ-सुव्यवस्थित और प्रसन्न जीवनशैली के प्रेरक संदेश को यह कोर्स आगे बढ़ाएगा। ‘जैनिज्म कोर्स' से जुड़े जैन-अजैन विद्यार्थियों और गुरूजनों को मैं भविष्य के प्रयासों के लिए बधाई व शुभकामनाएं देता हूं।
मुझे यह जानकार हार्दिक प्रसन्नता हुई है कि श्री जैन श्वेताम्बर नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ द्वारा मानव जाति के कल्याण एवं ज्ञान का प्रकाश फैलाने हेतु प. पू. आ. भ. श्री गुणरत्नसूरीश्वर जी म. सा. की प्रेरणा और मार्गदर्शन से त्रिवर्षीय पत्राचार पाठ्यक्रम “जैनिज़्म कोर्स” तैयार किया गया है।
Human values like forgiveness, friendship, compassion, affection, humility, trustworthiness, gentleness and gratitude are not only essential for personal growth, they are the basis of a happy society. I am confident that this syllabus shall justify its nomenclature as ‘Life Course’ by making a priceless contribution to the creation and development of the ideal person, ideal family, ideal society, ideal nation and the ideal world.
In contemporary times we see society wracked by contradictions, environmental imbalance, socio-cultural apathy and complete lack of empathy in the younger generation. This syllabus will not only play a significant role in wiping out these ills but also work as a guiding force for generations to come.
'जैनिज़्म कोर्स’ के प्रकाशन के अवसर पर हार्दिक शुभकामना। प्रभु की व्यवहार निश्चय के अद्भुत समतुलनयुक्त साधना को पाकर हम तो कृतार्थ हो गए है। इस साधना का प्रचार जन-जन में हो यही हमारी इच्छा होती है।
ज्ञान जगत में एक सक्षम आलंबन की पूर्ति इस कोर्स के माध्यम से हो पाएगी। समस्त विद्यार्थी आचार एवं विचार में आध्यात्मिक परिवर्तन द्वारा आत्मकल्याण करें, इस हेतु शुभाशीर्वाद !!